词条 | Draft:Ahargan sadhan |
释义 |
अहर्गण अहर्गण का मतलब है दिनों का समूह। - सृष्टि के उत्पत्ति से,कल्प के प्रारम्भ से , युग के आरम्भ से , या इष्ट शक से इष्ट समय तक कितने दिन हुए, इसका साधन करना मतलब अहर्गण।-अहर्गण का उपयोग मध्यम गृह साधन के लिए किया जाता हैसाधन विधि :- १. वर्त्तमान शक में १४४२ घटाकर ११ का भाग दे। २. जो लब्धि आता है वह चक्र होता है। ३. शेष को १२ से गुना करे। ४. उसमे गत मास जोड़े। ५. इसे २ स्थानों पर रखे एक स्थान में २ से गुणा कर १० से जोड़े। ६. जो उत्तर आएगा उसको ३३ से भाग दे। ७ जो लब्धि आएगी वो अधिक मास होंगे। ८. जो उत्तर आएगा उसे ५ वे स्थान की विधि में आए हुए उत्तर के साथ जोड़े,यह मध्यम चांद्र मास होंगे। ९. उपरोक्त ८ वि श्रृंखला में आये हुए उत्तर को ३० से गुना करे और गत तिथि जोड़े। १०. ९ वे स्थान में आये हुए उत्तर को ६ से भाग दे और लब्धि को भी मिला दे और शेष को छोड़ दे। यह मध्यम चंद्र अहर्गण होगा। ११. चक्र को ५ से गुना करे इसमें अहर्गण जोड़कर ७ से भाग देने पर शेष जो बचता है वह वार होता। यदि शेष ० (शुन्य ) आये तो रविवार,१ आये तो सोमवार, २ आये तो मगलवार, ३ आये तो बुध वार, ४ आये तो गुरुवार , ५ आये तो शुक्रवार , ६ आये तो शनिवार - पूर्व साधित अहर्गण में यदि अंतर आ जाए तो एक जोड़ने पर वार मिलता है , तो चलता है अन्यथा या १ घटने पर वार मिलता है तो भी चलता है- अहर्गण में वार मिलाना आवश्यक है।- एक से ज्यादा या कम अंतर मंजूर नहीं है।References |
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